यहां पर अफसोस की बात तो यह है कि इस बेगेरत लड़की ने मौलवियत की पढ़ाई छोड़ कर इस कारनामे को अंजाम दिया। जानकारी के लिए बता दूं यह वही किच्छा है जहां कुछ दिन पहले एक इमाम साहब ने एक कबर में से लाश सिर्फ इसलिए निकलवा दी थी क्योंकि वो मुर्दा किसी दूसरे मसलक का था। वाह रे मुसलमानों क्या मुंह लेकर जाओगे अल्लाह के सामने। तुम्हारी अपनी नाज़ुक फूल सी बच्चियां तुम्हारे अपने कब्जे में नहीं है और सुन्नी वहाबी देवबंदीओं के ठेकेदार बने बैठे हो लानत है।काश किच्छा के मुसलमान उस मुर्दे कि कबर में झांकने के बजाए अपने घर में झांक लेते तो तो यह मुस्कान अंसारी मुर्तद होने से बच जाती। बेगैरत हैं वह मां-बाप जिनके सामने यह सारी बातें होती है लेकिन वह अंजान बने रहते हैं उन्हें होश तब आता है जब उनकी बेटियां ऐसे कारनामों को अंजाम दे चुकी होती है।
@KKS NEWS
0 Comments