2 करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण फिर हत्या: व्यापारी के इकलौते बेटे को दोस्तों ने किडनैप किया, कार में हत्या के बाद PPE किट पहनकर शव जलाया


उत्तर प्रदेश के आगरा में एक सनसनीखेज वारदात हुई है। यहां 8 दिन पहले अगवा हुए एक कोल्ड स्टोरेज मालिक के इकलौते बेटे की हत्या कर दी गई। वारदात को उसके दोस्तों ने ही दो करोड़ रुपए की फिरौती के लिए अंजाम दिया। अपहरण के कुछ घंटों बाद ही आरोपियों ने कार के अंदर उसकी हत्या कर दी, शव को एक बैग में डाला और कोरोना मृतक बताकर श्मशान घाट पर PPE किट पहनकर जला दिया। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।

21 जून की रात लापता हुआ था

आगरा के दयालबाग इलाके में रहने वाले सुरेश चौहान बड़े कारोबारी हैं। उनका बेटा सचिन (25) 21 जून की रात लोअर टी-शर्ट पहन कर टहलने निकला था। इसके बाद से वह लापता हो गया। काफी देर तक जब नहीं आया तो परिवार वालों ने आसपास तलाश की। सचिन के दोस्तों को फोन किया, लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो न्यू आगरा थाना में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।

दो करोड़ की फिरौती मांगी गई*

सचिन इकलौता था और पिता बडे़ कारोबारी थे। ऐसे में पुलिस ने अपहरण के एंगल से जांच शुरू की। इस बीच, सचिन के पिता से दो करोड़ की फिरौती भी मांगी गई। हत्यारों ने यह फिरौती कैसे मांगी इसका पुलिस ने खुलासा नहीं किया है। फिरौती मांगने से अपहरण का मामला क्लियर हो गया। पुलिस के साथ STF भी इस केस की जांच में जुट गई।

#अगवा करने में दिक्क्त नहीं हुई, क्योंकि सचिन आरोपियों को जानता था #

STF प्रभारी हुकुम सिंह ने बताया कि रविवार रात सचिन के अपहरण के मामले में कमलानगर के रहने वाले हैप्पी खन्ना को पकड़ा गया। उससे पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। हैप्पी ने बताया कि उसने सुमित असवानी, मनोज बंसल और रिंकू के साथ मिलकर रिंकू की कार से सचिन को घर के पास से अगवा किया था। सचिन उन्हें पहचानता था इसलिए कोई चीख-पुकार नहीं हुई थी। कार में ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी।

कोरोना महामारी का फायदा उठाया था

हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने कोरोना का फायदा उठाया। वे किट बैग में लाश को पैक कर PPE किट पहनाकर बल्केश्वर शमशान घाट गए और वहां कोविड से मौत और मृतक का नाम रवि वर्मा बताकर शव का अन्तिम संस्कार करवा दिया था। PPE किट से लोग उन्हें पहचान नहीं पाए और कोरोना का नाम सुनकर कोई शव के पास तक नहीं आया।

बिजनेस पार्टनर था मास्टरमाइंड

पुलिस ने बताया कि दयालबाग निवासी हर्ष चौहान, सचिन और उसके पिता सुरेश चौहान के साथ पार्टनरशिप में ठेकेदारी करता था। इधर, कोरोना मे उसका काफी घाटा हुआ था। सचिन के ठेकेदार दोस्त सुमित असवानी का सचिन के ऊपर 40 लाख रुपया बकाया था और काफी समय से मांगने पर भी उसे वापस नहीं मिल पा रहा था।

हर्ष ने सुमित को साजिश में शामिल किया और वादा किया कि अपहरण के बाद वो मध्यस्थता करवाकर दो करोड़ की फिरौती दिलवा देगा। इसमें से एक करोड़ उसका होगा और एक करोड़ उसे दे देगा। किसी कारण से अगर फिरौती नहीं मिली तो भी वह सुमित को उसका सचिन पर बकाया 40 लाख रुपया दे देगा। इसके बाद सुमित ने अपने साथियों रिंकू, मनोज और हैप्पी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।

सचिन के पिता बोले- लेनदेन का पता नहीं

सचिन के पिता सुरेश चौहान ने बताया कि उन्हें लेनदेन की जानकारी नहीं है। पुलिस जांच कर रही है। "मेरे परिवार का इकलौता चिराग बुझाने वालों को सजा जरूर दिलवाऊंगा।"

सुरेश चौहान का बरहन में कोल्ड स्टोरेज है। इसके आलवा, वह जिला पंचायत के सरकारी ठेकेदार हैं। सचिन उन्हीं के साथ काम करता था।

आगरा में कोल्ड स्टोरेज मालिक के बेटे की अपहरण के बाद हत्या से उप्र की जनता स्तब्ध है।शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना!


संवेदनहीन भाजपा के राज में परिवारवालों का दुःख-दर्द समझने वाला कोई नहीं है। उप्र में व्यापार जगत के लोग आर्थिक के साथ ही आपराधिक उत्पीड़न के भी शिकार हैं।


*पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।*

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