दुःखद : नहीं रहे चौधरी अजित सिंह, कोरोना से थे संक्रमित


राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का निधन हो गया है। वो अब इस दुनिया में नहीं रहे है। वह कोरोना संक्रमित थे। अजित सिंह की मंगलवार रात को तबीयत बेहद बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा था कि फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत नाजुक हो गई थी। जिसके चलते उनकी मौत हुई है।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह बागपत से 7 बार सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। उनका 86 साल की उम्र में निधन हुआ है। उनके निधन के बाद बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है। चौधरी अजित सिंह की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती थी। वह किसानों के हमदर्द माने जाते थे। राष्ट्रीय लोकदल के अध्य्क्ष चौधरी अजित सिंह का इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। वही पर ही उन्होंने अंतिम सांस ली है। उनकी मौत के बाद किसानों में दुःख की लहर दौड़ पड़ी है।


#एक_किसान_संघर्ष_युग_का_अंत ।

आपकी बड़ी शिकायते!नाराजगी! बुराई ! अब थम जाएंगी। 

एक शख्स जो आपकी नजर में बेहतर राजनीतिझ नही रहा हो सकता है। ये किसान किरदार भावुक ओर जज्बाती जरूर  था। लेकिन बेदाग था। ये खुद राजनीति में नही आए ।USA में इंजीनियरिंग के बेहतरीन पद पर थे।चौधरीं चरण सिंह साहब के गुजरने के बाद ग्रीन लैंड (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के किसान बुजुर्गो ने फरियाद की थी। कि आप हमारे हकों की रक्षा के लिए यहां रुके। फिर राजनीति ने इस विरासत में अपनी हिस्सेदारी की मांग शुरू की! बदनामी शुरू की!बुराइयां शुरू की। ओर ये विरासत दूसरो को सत्ता देने के लिए कुर्बान कर दी । तब से आज तक रही बचीं विरासत को वर्तमान की युवा पीढ़ी तक पहुँचाने को संघर्ष किया । विरासत को बचाने के लिए आर्थिक चिंताओं ने कई दरों पर बैठने को मजबूर किया। हम बेदर होकर सिमट गए। दोष हम किसान संख्याबल का ही था। 



ये कहने वाले कि "क्या यही रहेंगे" । और फिर "या तो मैं आ ये तो बिल्कुल भी नही" की राजनीति ने धड़ेबंदी शुरू करके हमे चारो तरफ घसीटा । जबकि हम सभी जानते है किसी ओर के आगे बढ़ने में कोई बुराई नही है। लेकिन ऐसे व्यक्तिगत राजनीतिझ के डिसीजन प्रोसेस का ऑनर हमेशा कोई और ही होगा।हमारी विरोधी राजनीति ने हमारी ग्रामीण राजनीति को खत्म करने के लिए झूठी अफवाहों,गलत जानकारियों,विभिन्न विचारधाराओं का विषैला साँप ग्रामीण इलाकों के गले मे डाला। लेकिन गाँवो की इकॉनमिक सिचुएशन पर कोई काम नही हुए । खैर चौधरीं चरण सिंह साहब की ये विरासत अधूरे संघर्ष में ही हमसे विदा हो चलीं है। 



ये अंत दुखांत है। उम्र का शिखर छूने!अलविदा होने तक हम सभी हर घटना से वाकिफ है। ए सरताज मुजफ्फरनगर बड़ी तकलीफ हुई तेरे बर्ताव से ! तूने सर्वखाप के ताज संजोए है। किसान लीडरी के बीज बोए है। लेकिन दुःख यही हुआ ये अंत बेहद दुखांत है। ग्रीनलैंड सम्भल जाए। गुजराती माँ और मराठी बाप बनाने से बचे। अपना वजूद बचाएं । चौधरीं अजीत सिंह  साहब मेरे कमसमझ गिले शिकवों ओर गलत व्यवहार के लिए मुझे क्षमा करें ।माफी दे। आपको नमन करता हूँ । यकीनन आज पश्चिम यूपी के हर गाँव कस्बे के चूल्हों का सांस जरूर उखड़ा होगा। हमारे घरों की आर्थिक खुशहाली में सिर्फ आप ही जिंदा हो और रहोगे।

बहुत दुख के साथ मैं आपको सूचित करता हूँ, चौधरी अजित सिंह जी का आज 6 मई, सुबह 8 बजके 20 मिनट पे स्वर्गवास हो गया। कोरोना संक्रमित होने पर चौधरी साहब का उपचार गुड़गाँव में अस्पताल में किया जा रहा था। बीते दिनों में जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ा, उन्हें ICU में वेंटिलेटर पर निर्भर रखा गया था। 

चौधरी साहब 8 बार सांसद रहे - 7 लोक सभा में और 1 बार वे राज्य सभा के सदस्य थे। 4 बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में  उन्हें प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ। पूर्व प्रधान मंत्री, चौधरी चरण सिंह जी की विचारधारा की विरासत को चौधरी अजित सिंह जी ने बखूबी सँभाला और देश के किसान-कमेरा वर्ग के नेता के रूप में उन्हें पहचाना गया। चौधरी अजित सिंह जी राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी भी निभा रहे थे।

बीते दिनों में चौधरी साहब की सेहत को लेकर बहुत साथी, सहयोगी और उनके शुभचिंतक लगातार मेरे और परिवार के सम्पर्क में रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में आपके द्वारा दिया गया हौसला हमेशा याद रहेगा! साथ ही, चौधरी अजित सिंह जी के उपचार में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद।

एक महत्वपूर्ण अपील - चौधरी साहब की अंत्येष्टि कोरोना के नियामो के अनुरूप किया गया है। आप दिल्ली चौधरी अजित सिंह जी के निवास पर ना पहुँचे। इस संकट में चौधरी साहब को सच्ची श्रद्धांजलि देने का उचित तरीक़ा होगा के आप अपना और परिवार का बचाव करें व अन्य पीड़ित परिवारों की मदद करें।


धन्यवाद।


समरपाल सिंह


निजी सचिव, चौधरी अजित सिंह 


(चौधरी अजित सिंह जी के शोकाकुल परिवार के और से अधिकृत बयान संलग्न है।)

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