उत्तर भारत एरिया ने तीसरी लहर के लिए बनाई रणनीति


बरेली – भारतीय सेना निःस्वार्थ भाव से कोविड की दूसरी लहर के खिलाफ भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और आने वाले तीसरी लहर का भी सामना करने की तैयारी कर रही है।

सेना नागरिक प्रशासन के अनुरोध पर आगरा, ईटावा, बुलंदशहर और सहारनपुर जिले में निष्क्रिय पड़े ऑक्सीजन संयंत्रों को पुनर्जीवित किया और प्रशासन की सहायता की। सेना ऑक्सीजन वाहनों के परिवहन के लिए आवश्यक रसद सहायता और सुरक्षा भी प्रदान कर रही है। भारतीय वायुसेना और नौसेना भी देश के विभिन्न हिस्सों में रसद पहुंचाने का काम कर रही है। भारतीय सेना के लिए नागरिकों की सुरक्षा और देश की रक्षा से बढ़कर कुछ नही है।

भारतीय सेना के उत्तर भारत एरिया में स्थित एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की भारतीय सेना ने 50-50 बेड के कोविड केयर सेंटर पिथौरागढ़, जोसीमठ, रानीखेत और लैंड्सडाउन में तैयार किए हैं। उत्तर भारत के अधिन पंचशूल ब्रिगेड ने बेरीनाग में एक 50 बेड का सेंटर स्थापित किया।  इन अस्पतालों में सभी नागरिकों का इलाज किया जा रहा है। सारे अस्पताल स्थानीय प्रशासन की मदद से खोले गए हैं। सेना के सभी अस्पतालों में कोरोना से पीड़ित आम नागरिकों का भी इलाज चालु हो गया है। 

जब सेना से दिग्गजों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में पुछा गया तो सेना ने बताया कि “भारतीय सेना दिग्गजों को समान प्राथमिकता दे रही है, क्योंकि वे हमारे अभिन्न अंग हैं। हमने उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए ‘अटूट बंधन सेल’ का गठन किया है। सेना के  अस्पताल प्राथमिकता आधार पर उन्हें भर्ती कर रहे हैं। अटूट बंधन सेल की मदद से जिन लोगों को ‘विशेषज्ञ सलाह’ की आवश्यकता होती है, उन्हें वॉयस और विडियो कॉल   के माध्यम से  परामर्श  प्रदान किये जा रहें 

हैं। हमने पूर्व सैनिकों से अनुरोध किया है कि अगर उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को मेडिकल इमरजेंसी हो तो वे हमारे अस्पतालों में जल्दी आएं।

कोविड वैक्सिनेशन लगाने में भी सेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उत्तर भातर एरिया जो कि सेन्ट्रल कमाण्ड के अधीन  है, उसने बरेली और पिथौरागढ़ में वैक्सिनेशन सेंटर खोले हैं जो कि सभी नागरिकों  के लिए है।  कोविन एप्प द्वारा रेजिस्ट्रेशन कर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। 45 वर्ष से उपर वायु के नागरिकों के लिए बरेली कैन्ट में वाल्किन रेजिस्ट्रेशन की सुविधा है। भारतीय सेना भी देश को कोविड मुक्त देश के इरादे की तरफ बढ़ रही है। 

जब अधिकारियों से पुछा गया कि सेना ने अपने जवानों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं – सेना ने बताया कि कोरोना को रोकने का मुख्य कारण टिकाकरण का पूरा होना रहा है। सेना के अन्दर सरकार द्वारा दिए गए नियमों का पूर्ण तरह से पालन किया जा रहा है। प्रत्येक जवान जो छुट्टी से वापस आ रहा है उसे 14 दिनों के लिए क्वारांटाइन किया जाता है। इस अंतराल में उन पर कड़ी नजर रखी जाती है और नियमित मेडिकल जाँच की जाती है। बुखार, खाँसी आदि लक्षण होने पर तुरंत मेडिकल सहायता दी जाती है।  जवानों के परिवारों का नियमित मेडिकल चेकअप हेल्थ कैम्प लगाकर किया जाता है जिससे उन्हें बाहर जाने की कम से कम जरूरत पड़े। सभी सामाजिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से  स्थगित कर दिया गया है। 

भारतीय सेना ने यह भी बताया कि सेना ने तीसरी लहर जो कि कहा जा रहा है कि बच्चों को अधिक नुकसान पहुंचाएगी, के लिए भी कमर कस ली है। इससे निपटने के लिए भारतीय सेना ने तीन चरणों की रणनीति अपनाई है जिसके अंतर्गत अधिक से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जा रहें हैं। बाल चिकित्सा से संबंधित सुविधाओं की स्थापना और नर्सिंग अफसरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के कौशल को प्रशिक्षण देकर और विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से बाल चिकित्सा  से  ज्ञान प्राप्त कराया जा रहा है।    भारतीय सेना देश की रक्षा में हमेशा आगे रही है। सीमाओं की सुरक्षा से लेकर कोई आपदा आने पर हमेशा देश की सेवा में तत्पर है।

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