प्रचार का असर यह है कि...

 


1. राहुल गांधी हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक है... लेकिन वह पप्पू है।....

2. अरविंद केजरीवाल देश की सर्वोच्च परीक्षा IIT-JEE पास हो कर IRS बने, लेकिन वह बेवक़ूफ़ है।...

3. चौधरी अजित सिंह साहब देश के श्रेष्ठतम इंजीनियरिंग कालेज IIT खड़गपुर के टॉपर रहें पर वह नासमझ थे।....

4. जयंत चौधरी लंदन, स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से स्नातक हैं, लेकिन उन्हें कोई ज्ञान नहीं है।....

5. अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया से इंजीनियरिंग में परास्नातक (M.Tech.) हैं, पर उन्हें कुछ आता जाता नहीं, ना समझ हैं।...

6. मायावती जी B.Ed., L.L.B. हैं। लालू प्रसाद जी L.L.B., L.L.M., Ph.D. in pol.Sc. हैं और पटना विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट हैं, लेकिन यह लोग अनपढ़ की श्रेणी में आते हैं।....

मुलायम सिंह यादव परास्नातक [ मास्टर ऑफ़ आर्ट्स ] हैं।

शरद यादव RIT से इंजीनियर हैं -- लेकिन पूरे देश में पढ़े लिखे नेता, बेवकूफ हैं।

देश में एक ही है सबसे समझदार, पढ़ा लिखा और बुद्धिजीवी व्यक्ति और वह है..... बस वही एक है.... जो सबकुछ है.... भले उनकी डिग्री का पता ना हो, भले ही वह RSS जैसी संस्था से आए हों.... पर वह धर्म की बात करता हो और हिंदुत्व की बात करता हो.... बस इतना काफ़ी है.....

शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य पर क्या बात करना जरूरी नहीं, हिंदुत्व की बात करता है काफ़ी है.... भले ही कोई डिग्री ना हो क्या फ़र्क़ पड़ता है.....?

मुझे लगता है अब हमें भी मान ही लेना चाहिए की पढ़ा लिखा व्यक्ति बेवक़ूफ़ ही होता है ....!

वैसे भी आगे सरकार साधु संत ही चलाने वाले है।....

बस प्रस्तावित धर्म संसद को मंज़ूरी मिल जाए।....

एक साधु प्रदेश चला ही रहा है।... जिसे साधुओं के पेंशन की चिंता है।.... पर बेरोज़गारी की नहीं।.... जल्द ही कोई साधु देश भी चलाने लगेगा।....

आप भी अपने बच्चों को पढ़ाना लिखाना बंद करवा दें क्योंकि कल वो भी बेवकूफ कहे जायेंगे।....

ऐसा प्रतीत होता है कि भारत को ही हिन्दू देश बनाने के चक्कर मे हम सब भी इस देश को कहीं पाकिस्तान न बना बैठें। क्योंकि वहां भी सिर्फ एक मजहबी लड़ाई के नाम पर सब हो रहा है और उस देश का हश्र पूरी दुनिया देख ही रही है ॥


सचमुच प्रचार का असर बहुत तगड़ा होता है ?

कृष्णपाल सिंह जिला प्रभारी 

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