गाजियाबाद। धर्म क्षेत्रे से जुड़े जाने माने पत्रकार श्री ज्योतिर्मय जी का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। 23 दिसंबर प्रातः 4 बजे कैलाश हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
68 वर्षीय ज्योतिर्मय ने अपने जीवन काल में धर्म के क्षेत्र को प्रत्रकारिता के नये आयाम दिए। धार्मिक आयोजन पर खबरे लिखना किसी भी प्रशिक्षु पत्राकार का काम हुआ करता था लेकिन अपनी लेखनी और धर्म के प्रति अपनी निष्ठां और ज्ञान ने पिछले दो दशकों में लगभग सभी अखबारों में धर्म को एक अलग बीट की श्रेड़ी में लाकर खड़ा कर दिया।
दिल्ली दूरदर्शन पर आपके लिखे आधा दर्जन सीरियल टेलीकास्ट हुए। जिनमे गायत्राी महिमा सबसे लम्बा और प्रचलित सीरियल रहा। आदि शंकराचार्य, मीरा बाई सीरियल ने भी खूब नाम कमाया।
खाटू श्याम और संत आशा राम के जीवन चरित्र पर फीचर फिल्म लिखी जो आज भी नैट पर उपलभ्ध है।
पुस्तक लेखन की बात करू, चेतना की शिखर यात्रा के तीन खंड आज गायत्राी परिवार में मोमेन्टो की तरह सजाये गए है। तीनो खंड सर्वाधिक बिक्री की श्रेड़ी में आते है।
असंख्य पत्र पत्रिकाएँ है जिनका नाम ज्योतिर्मय के नाम के साथ जुड़ा रहा है। मेने ज्योतिर्मय के परिचय में पत्र पत्रिकाओं के नाम जुड़े होने का जो जिक्र किया है वह भाषा की अशुद्धि नहीं अपितू सत्य है। अखंड ज्योति में ज्योतिर्मय का नाम नहीं छपता था लेकिन लेखनी की धार पाठको को बता देती थी की किस की कलम से इन शब्दों का अवतरण हुआ है।
ज्योतिर्मय का ज्ञान धर्म और उपनिषदों पर ही केंद्रित नहीं था। जनसत्ता समाचार पत्र में नगर निगम की भी खूब धारदार खबरे दी।
जीवन के अंतिम पड़ाव में अमर उजाला अखबार से जुड़े हुए थे। ऐसे इंसान का यूं अचानक चले जाना पत्रकार समाज का बड़ा नुकसान है।
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