साईकिल मुआशरे की दुश्मन है....


एक मल्टी नेशनल बैंक के CEO ने मुआशरे माहिरीन को उस वक़्त सोच में डाल दिया जब उसने कहा : साईकिल मुल्की मुआशरे के लिए तबाही का बाइश है..... इसलिए कि साईकिल चलाने वाला कार नहीं खरीदता, वो कार खरीदने के लिए क़र्ज़ भी नहीं लेता, कार की इंश्योरेंस नहीं करवाता, पेट्रोल भी नहीं खरीदता, अपनी गाड़ी सर्विस और मरम्मत के लिए नहीं भेजता, कार पार्किंग की फीस अदा नहीं करता वह टोल प्लाज़ों पर टैक्स भी अदा नहीं करता, साईकिल चलाने की वजह से सेहतमंद रहता है मोटा नहीं होता..!!!


सेहतमंद रहने के बाइश वो दवाइयां नहीं खरीदता, अस्पतालों और डॉक्टरों के पास नहीं जाता, हत्ता के मुल्क के GDP में कुछ भी शामिल नहीं करता.... इसके बर-अक्स हर नया फास्टफूड आउटलेट अपने मुलाज़मीन के अलावा कम से कम 30 तरह के लोगों के लिए रोज़गार का सबब बनता है, जिन में डॉक्टर, दिल के मरीज़ के माहिर, माहिर ए मेदा व जिगर, माहिर नाक कान गला, दांत स्पेशलिस्ट, कैंसर स्पेशलिस्ट, हकीम और मेडिकल स्टोर मालिक वगैरह शामिल हैं....


चुनाँचे ये बात साबित हुई कि साईकिल मुआशरे की दुश्मन है और मज़बूत मुआशरे के लिए सेहतमंद अफराद सख्त नुक़सान दह हैं....


नोट :- पैदल चलने वाले मुआशरे के लिए और भी खतरनाक हैं, क्योंकि वो साईकिल भी नहीं खरीदते 


*बाक़ी भैय्या तुम देख लेव हमरा काम रहा बतावेक हम बताए दिहा* 



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