खुश रहना ही ज़िन्दगी गंगा किन्नर

आप यूं आये जिंदगी में कि ख़ुशी मिल गई,
मुश्किल राहों में चलने की वजह मिल गई,
हर एक लम्हा खुशनुमा बना दिया,
मेरी उम्मीद को नई मंजिल मिल गई
मुम्बई(नीतिका राव) खुश रहना ही ज़िन्दगी है। जिंदादिल होते हैं वो लोग जो हर दुख में भी सुख ढूढ़कर खुश रहते हैं। ऐसी ही शख्सियत है गंगा की।
गंगा एक किन्नर है, और उसे किन्नर होने पर गर्व है।  
गंगा ने खुद जानकारी देते हुए बताया कि अब उसकी उम्र 70 वर्ष है। उसके जीवनकाल में कभी कोई ऐसा समय नहीं आया जब उसे किन्नर होने पर दुख हुआ हो या वह उदास हुई हो। गंगा ने बड़े ही उत्साह के साथ बताया कि उसने मेकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद मद्रास में ही स्पेयर पार्ट्स के वर्कशॉप में नौकरी की।
व्यवसाय के लिए वह मोरिशियस गई जहां उसने अपनी ज़िंदगी के 14 वर्ष एक साथी के साथ बिताए। वह बहुत खुश थी उसकी ज़िन्दगी में। उसके बाद उसे भारत लौटना पड़ा । गंगा ने मुम्बई आकर  ज्योतिषशास्त्र और आयुर्वेद में ज्ञान हासिल किया और लोगों की सेवा करने का निश्चय किया। इंदिरा नगर कल्याण की रहनेवाली गंगा ने अब अपना जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है और वह उसकी जिंदगी से खुश है। उसे शिकायत है तो सिर्फ प्रशासन से जिसने कई घोषणाओं के बावजूद किन्नर समुदाय को योजनाओं के लाभ से वंचित रखा है। गंगा चाहती है किन्नर समुदाय की प्रगति औऱ लोगों की गलत सोच को बदलना , जिसके लिए अब वह प्रयास कर रही है।

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