सब कुछ लूट लो लेकिन .... मजबूरी मत लूटो ....

 


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सब कुछ लूट लो लेकिन .... मजबूरी मत लूटो ....

सावधान


कच्छ भूकंप के दौरान की एक घटना...

पुलिस राहत कार्य कर रही थी। मलबे को घर से निकालने के लिए,जीवित बचे लोगों ओर मृतकों को बाहर निकाल रही थी एक बूढ़ा आदमी एक सुंदर घर के मलबे के बाहर बैठा था। मकान ढह गया। पुलिस आई, उस के पुत्रवधू का शव मलबे से निकला ....शरीर पर हर जगह गहने थे .... पुलिस ने कहा "ये गहने रख लो, आप को काम आयेंगें  फटी आँखों वाले उस आदमी ने कहा .... ले लो .. सब कुछ .... जो करना है करो .... लेकिन, मुझे यह गहने नहीं चाहिए ....पुलिस ने लाख समझाने की कोशिश की। उस बूढ़े ने फिर कहा, जब मोरबी का डैम टूटा था, तब मैंने ये सारे गहने मृत्य लोगो के गले से लूट के अपने घर ला कर अपने पुत्र वधु को पहनाए थे।


आज मेरी बहू ने वो ही गहने पहने हुये है जो में लूट के लाया था, "मुझे कुछ नहीं चाहिए, सर!" वह रोया।  आप ले लिजिये....!


कच्छ की इस कहानी को ध्यान में रखें, और कोरोना के इस संकट के समय में मनुष्य की मजबूरी का लाभ ना उठाएं और इसे उन सभी अयोग्य मित्रों को समझाएं जो करोड़पति  बनना चाहते हैं ....


ये है प्रकृति का न्याय....छल कपट और लालच में किए गए गलत कामो का परिणाम देर से सही, मिलता अवश्य है....

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