ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब सेंसर लगे ट्रैक पर चलानी होगी गाड़ी, सिग्नल तोड़ते ही कंप्यूटर कर देगा फेल


बिना वाहन चलाए ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा पास करना अब आसान नहीं होगा। बहुत जल्द अभ्यर्थियों को सेंसर लगे ट्रैक पर वाहन चलाकर दिखाना होगा। इसमें पास और फेल का निर्धारण कंप्यूटर करेगा। करौंदी में परिवहन विभाग का ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लगभग बनकर तैयार हो चुका है। अत्याधुनिक तकनीक वाले इस इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सारे काम होंगे। यहां लोगों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 


ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बनाये गए ट्रैक में सेंसर लगे होंगे। सेंसर डिवाइस के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ा रहेगा। अभ्यर्थी ने वाहन चलाते समय अगर किसी तरह की गलती की तो कंप्यूटर उसे फेल कर देगा। फेल होने के बाद अभ्यर्थियों को डीएल के लिए पुन: आवेदन करना होगा। पांच एकड़ में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का बनाया जा रहा है। यहां डीएल से संबंधित सारे काम होंगे। लोगों को वाहनों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। परिवहन विभाग की ओर से कार और मोटर साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। अभ्यर्थियों से वाहन चलवाकर नहीं दिखाने की शिकायत परिवहन आयुक्त धीरज साहू से की गई थी। इसपर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि परीक्षा के साथ अभ्यर्थियों से कार और बाइक चलवाकर देखा जाए। हरिशंकर सिंह, आरटीओ वाराणसी ने बताया कि करौंदी में इंस्टीट्यूट बनकर लगभग तैयार हो गया है। 80 प्रतिशत काम भी पूरा हो चुका है। यहां सेंसरयुक्त ट्रैक बनाए गए हैं। अभ्यर्थियों को इसी ट्रैक पर वाहन चलाना होगा। कंप्यूटर के माध्यम से इसकी निगरानी की जाएगी।

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