1947 में जब पंजाब में मारकाट हुई तो मुस्लिम औरतों ने कुओं में कूद कर कुएं भर दिए थें लेकिन अपनी आबरू और अपने दीन से सौदा नहीं किया था

 


वो भी मुस्लिम औरतें थीं और ये भी मुस्लिम औरतें हैं

और फिर कहते है कि अल्लाह पाक पता नही क्यों हमारी दुआ कबूल नहीं करता

खैर इन बेचारियों की भी कोई गलती नहीं 

गलती भी हमारी ही हैं क्योंकि जब घरों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और सहाबा, और सहाबियां का ज़िक्र ख़तम हो जाता है और सलमान खान, शाहरुख खान, रणबीर कपूर, हनी सिंह का ज़िक्र शुरू हो जाता है तो हालात ऐसे ही हो जाते हैं 


और सब से ज़्यादा गुस्सा तो तब आता है जब कोई आकर कहता है ये सब मोदी की साज़िश है योगी की साज़िश है, बीजेपी आरएसएस की साज़िश है,

तुम घरों में बर्थडे सेलिब्रेट करो पार्टी करो, नाचो गाओ डीजे बजाओ, ये मोदी आकर कहता है


मुस्लिम लड़कियां मार्केट से एक 400-500₹ का हिजाब खरीद कर फिर बॉयफ्रेंड के साथ मूवी देखने थियेटर पर जाएं , डेट पर जाएं ये योगी आ कर कहता है कि ऐसा करो 

तुम गेरों से चक्कर चलाओ उन से फिजिकल रिलेशन मनाओ ये बीजेपी आरएसएस की साज़िश है


शादी ब्याहों में मुंह पर कोंटलों मेकअप लशेढ़ कर पूरे गांव के चक्कर काटों ये किसकी साज़िश है

बुर्का पहन कर डेली बनियों की दुकानों के कई कई चक्कर मारो ये किसकी साज़िश है ,RSS  की मोदी जी की या फिर योगी आदित्यनाथ जी की,,

खैर बुरा लगा हो तो,,,,माफी

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