लावारिस लाशों को दफनाने जलाने के लिए नहीं मिलता है कफन पिरान कलियर

*देवभूमि  धर्म नगरी पांचवा तीर्थ स्थल पिरान कलियर
 लावारिस शव को कफन-दफन के लिए दरगाह वक्फ बोर्ड की तरफ से नहीं मिलता है कफन ।
 लावारिस शव के अंतिम संस्कार के लिए विभागीय सहयोग न मिलने से कलियर की जनता को परेशान होना पड़ता है। कफन ना मिलने से जनाजे को दरगाह की चादर से ही दफनाया जाता है आनन-फानन में लावारिस शव के दफन किए जाने से कई लापरवाहियां भी सामने आती है जिससे मानवता भी शर्मसार होती है। दरगाह हितेषी विरोधी जो हर साल मेला भूमि पर करोड़ों रुपए दरगाह की आय को लगाते हैं चुना। दरगाह हितेषी विरोधी कहने वालों के अंदर क्या इंसानियत मर चुकी है जो इन गरीबों के लिए कफन भी नहीं दे सकते। या सिर्फ मेला भूमि पर पैसा ही कमाना इनका मकसद है। जनता इन लोगों से परेशान
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के कार्यकाल में मिलता था लावारिस लाशों को कफ़न।
गौरतलब है कि लावारिस शव को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड बनने से नहीं मिला कफन।
 लावारिस शवों का कफन-दफन आसान नहीं है। दरगाह उच्च अधिकारी नहीं देते है कोई ध्यान।
क्या दरगाह का पैसा ऐसे ही विरोधी पार्टी या हितेषी ऐसे ही लूटपाट करते रहेंगे। दरगाह का जो पैसा है वह गरीबों के ही लिए दान किया जाता है गरीबों में ही लगाया जाता पर ऐसी ही तीर्थ नगरी दरगाह साबिर पाक में कोई कार्य नहीं हो रहा है पुण्य का। या कहिए कि राजनीति चुगल खोरी का अड्डा बन चुका हो कलियर क्षेत्र ।

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