उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल में मास्क के बहाने की जा रही है लूटमार, रोगियों को मंहगा मास्क लाने पर किया जा रहा है मजबूर

एक तरफ जहाँ देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ शहरों में बड़े अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा रोगियों से महंगे मास्क मंगाने के नाम पर भारी लूट खसोट की जा रही हैं! ऐसा ही एक मामला उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल का सामने आया है! जहाँ गीतांजलि अस्पताल की दंत चिकित्सा इकाई में इलाज करा रही भ्रष्टाचार अत्याचार निवारण न्याय उदयपुर की उपाध्यक्ष मधुबाला सोनी से जबरन वहाँ के चिकित्सा स्टाप द्वारा मंहगे मास्क मंगाने के रूप में सामने आया है! अन्य रोगियों से भी हप्ते के दो दो मंहगे मास्क मंगाए जा रहे हैं! सबसे बड़ी ताज्जुब की बात तो यह है कि मास्क कहीं ओर से नहीं बल्कि अस्पताल के अंदर स्थित मेडिकल की दुकान से ही मंगाए जा रहे हैं! और लोगों के सामने निशुल्क चिकित्सा का ढिंढोरा पीटा जा रहा है! भ्रष्टाचार निरोधक अत्याचार 

निवारण न्यास उदयपुर की उपाध्यक्ष मधुबाला सोनी ने इस संवाददाता भैरु सिंह राठौड़ को बताया कि गीतांजलि अस्पताल में दंत चिकित्सा इकाई में निशुल्क उपचार सिर्फ नाम मात्र का प्रतीत होता है, जहां एक और कोविड-19 ने त्राहिमाम मचा रखी है वही इस अस्पताल में भी मरीजों से लूटमार की जा रही है, हर मरीज से सै सौ रुपए के दो मास्क मंगवाए जा रहे हैं!  तत्पश्चात इलाज किया जा रहा है, इन मास्क की कीमत लगभग 90 रुपए का एक है डॉक्टर कहते हैं आप का इलाज जब शुरू होगा तब आप तो मास्क खरीद कर हमें देंगे तो हम आप का इलाज शुरू करेंगे हर सप्ताह के 2 मास्क तो ऐसे में कैसे कह सकते हैं कि किसी जरूरतमंद को यहां निशुल्क इलाज दिया जा रहा है इसी दौरान भ्रष्टाचार निरोधक अत्याचार निवारण न्यास सिंह वाहिनी की ( उपाध्यक्ष ) मधुबाला सोनी का वहां जाना हुआ इंचार्ज डॉ. सभी से इस बारे में काफी बहस हुई रूट कैनाल करने में जो उन्होंने 8 महीने लगाएं पेशेंट के और उसके बाद भी हर सप्ताह के 2 मास्क जिसकी कीमत  ₹ 180 है! सरकार की तरफ से अगर निशुल्क उपचार है तो फिर यह किस तरह से वसूली कर रहे हैं?


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