हिमाचल प्रदेश . जिला बिलासपुर वासियों ने कंपनियों के विरुद्ध खोला मोर्चा ,क्रमिक अनशन जारी .


जिला बिलासपुर के कुड्डी गांव में स्थित फोरलेन के डाबर कंस्ट्रक्शन कार्यालय के बाहर स्थानीय युवाओं ने बिलासपुर में जितनी भी बड़ी-बड़ी कंपनियां फोरलेन , ऐम्स हॉस्पिटल , जल्द आने वाला रेलवे प्रोजेक्ट ,एसीसी इत्यादि की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है . तथा आज अनशन का क्रमिक अनशन का दूसरा दिन है , बता दें हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा जब हिमाचल में कहीं भी कोई प्रोजेक्ट कंपनी लगती है तो उसमें 70% लोगों को नौकरियों का प्रावधान हिमांचल वासियों को हैं क्योंकि यह कंपनियां संबंधित क्षेत्र के संसाधनों का इस तरह से हनन करती है कि चारों ओर का पर्यावरण दूषित करना पानी के स्रोत खत्म होना भयंकर बीमारियां फैलना ध्वनि प्रदूषण फैलाना इत्यादि.  पर गौरव तल बात यह है कि कंपनी प्रबंधन आज राज्य सरकार व संबंधित जिला प्रशासन से ऊपर हो गया है तथा राज्य सरकार व  प्रशासन मूकदर्शक बने बनकर चुप बैठा है . अनशन पर बैठे गौरव शर्मा

,कुलदीप ठाकुर अशोक कुमार सचिन अनिल गोलू सुनील मनीष दलजीत सिंह विक्रांत पंकज भूरी सिंह बसंत सिंह राकेश ज्ञानचंद उमेश संदीप सहित युवाओं ने बताया कि हमने फोरलेन कंपनी को बार-बार हमें उन्हें रोजगार देने के लिए ज्ञापन दिए मीटिंग हुई पर कंपनी टस से मस नहीं हुई , और मजबूरन इन बेरोजगार युवाओं को अनशन पर बैठना पड़ा . युवाओं ने बताया कि यह बड़ा शर्मनाक विषय है कि हम आजाद होने के बाद भी इस तरह से अपने हकों को लेने के लिए दिन रात कड़कती धूप बरसात में टेंट में रहने के लिए मजबूर हैं . साथ में उन्होंने प्रशासन व राज्य सरकार को भी आगाह किया है कि जल्द से जल्द जो 70% रोजगार हिमाचल वासियों का कानून बना है उसको लागू करवाया जाए नहीं तो यह आंदोलन का रूप धारण कर देगा बता दें एसीसी कंपनी के विरुद्ध भी 2013 में बरमाना वासियों  ने आंदोलन किया और उसके सकारात्मक परिणाम मात्र कागजों में निकले पर कार्रवाई कोई नहीं हुई .

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