"बताओ, इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है" ?*
_*बेटे ने कहा...*_ *"मेरे अलावा दूसरा और कौन हो सकता है?"*
पिता को इस जवाब की आशा नहीं थी...
उन्हें विश्वास था कि उनका बेटा गर्व से कहेगा... दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान आप हैैं, जिन्होंने मुझे इतना योग्य बनाया...
उनका मन भर आया...
जिन्दगी भर की तपस्या बेकार सी लगने लगी...
बेटे के चैंबर का गेट खोलकर बाहर निकलने लगे तो एक बार फिर पीछे मुड़ कर बेटे से पूछे... "अच्छा! एक बार फिर बताओ, इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान कौन है" ?
*पुत्र ने कहा... "आप" आप हैं इस दुनिया के सब से शक्तिशाली इंसान"*
पिता यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गए...
उन्होंने कहा "अभी तो तुम अपने आप को इस दुनिया का सब से शक्तिशाली इंसान बता रहे थे, अब तुम मुझे बता रहे हो" ?
_*पुत्र बोला...*_
*"उस समय आपका हाथ मेरे कंधे पर था... जिस पुत्र के कंधे पर या सिर पर पिता का हाथ हो, वो पुत्र दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान ही होगा ना!..."*
पिता की आँखे भर आईं...
उन्होंने अपने पुत्र को कसकर अपने सीने से लगा लिया...
*_"चन्द पंक्तियां जिसमें फायदा ही फायदा है"*_
जो पिता के पैरों को छूता है, वो कभी गरीब नहीं होता...
जो मां के पैरों को छूता है, वो कभी बदनसीब नही होता...
जो भाई के पैराें को छूता है, वो कभी गमगीन नही होता...
जो बहन के पैरों को छूता है, वो कभी चरित्रहीन नहीं होता...
जो गुरू के पैरों को छूता है, उस जैसा कोई खुशनसीब नहीं होता...
*बड़ों का सदैव सम्मान करें...*
*इनसे बड़ा हितैषी और कोई नहीं हो सकता...*
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